मक्का मदीना का इतिहास और तथ्य | Makka Madina History Facts Hindi

Makka Madina History Facts Hindi: दोस्तों मक्का मदीना मुस्लिम धर्म के समुदाय का सबसे पवित्र और सम्माननीय तीर्थस्थल हैं। जिसमें भारी संख्या में हजयात्री मक्का आते हैं। जिसको हज यात्रा बोलते हैं। मक्का एक इस्लामी नगर है। जहाँ पर काबा तीर्थ और मस्जिद-अल-हरम (विशाल मस्जिद) स्थित हैं।मक्का मदीना को मुस्लिमों के लिए जन्नत का स्थल माना जाता हैं। हर मुस्लिम अपनी जिंदगी में एक बार मक्का मदीना जरूर आना चाहता हैं।

मक्का मदीना

मक्का मदीना का इतिहास (Makka Madina History)

मक्का पश्चिमी सऊदी अरब के हेजाज़ क्षेत्र में स्थित मक्का प्रांत की राजधानी है। जिसको इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना जाता हैं। यह समुद्र की सतह से 277 मीटर की ऊंची जिन्न्हा की घाटी पर शहर से 70 किलोमीटर अंदर स्थित हैं।साल 2015 में इसकी जनसंख्या 15 लाख से ज्यादा दर्ज की गयी थीं। जो कि साल 2020 में बढ़कर 2.042 मिलियन हो गयी हैं। जो इसको रियाद और जेद्दाह के बाद सऊदी अरब का तीसरे नंबर का सबसे आबादी वाला शहर बनती हैं।

और इस स्थान के बारे में लोगो का ये मानना हैं की यह स्थान मोहम्मद का जन्म स्थान हैं और कुरान की पहली अकाशवाणी का स्थान भी हैं।

इस्लाम घर्म के लोग इसको काबा का घर भी मानते हैं। मक्का पर मोहमद के वंशजो ने शासन किया था। मक्का का निर्माण 1925 ईस्वी में इब्न सऊद ने किया था।

मक्का का इतिहास

अगर पुराने इतिहाल का निचोड़ निकला जाये तो मक्का की स्थापना नबी इस्माईल के वंश ने की थीं। इस शरह में इस्लाम की घोषणा के समय ये शहर एक बहुत बड़ा व्यापारिक केन्द्र बन चुका था। इसे इस्लाम धर्म में सबसे पवित्र शहर और पैगंबर मुहम्मद का जन्मस्थान माना जाता हैं। मक्का के इतिहास की जेड इस्लाम के इतिहास से जुडी हुई हैं। यहीं से इस्लाम धर्म का प्रचार और प्रसार पूरी दुनिया में हुआ।

मक्का कोई वर्षो के एक पवित्र स्थल और प्रमुख व्यापारिक केंद्र के रूप में बसा हुआ हैं। काबा , शहर के के बीचों – बीच स्थित एक घन के आकर की ईमारत की संरचना हैं। जिसको हजारों साल पहले पैगंबर इब्राहिम (अब्राहम) और उनके बेटे इस्माइल (इश्माएल) ने GOD की पूजा करने के लिए बनवाया था।

7वीं शताब्दी की शुरुआत में पैगंबर मुहम्मद को ईश्वर से आकाशवाणी मिलने लगी। जो की इस्लाम बुनियाद बन गया। पैगंबर और उनके अनुयायियों को मक्का में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, और इसके बाद 622 सीई में वह मदीना शहर चले गये। और यही प्रवासन इस्लामी कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है।

इसके बाद पैगंबर और उनके अनुयायी 630 सीई में मक्का वापस लौट आये और इसके बाद उन्होंने काबा में अपनी पहली हज तीर्थयात्रा की। इसके बाद जब पैगंबर मुहम्मद का मृत्यु हो गयी। तो इसके बाद इसके बाद मक्का पूरी दुनिया में इस्लाम का केंद्र बन गया। और इस पवित्र स्थल पर दुनिया भर के मुसलमान हज यात्रा का दौरा करने मक्का आने लागे।

और इसके बाद मक्का में कोई विभिन्न राजाओं ने शासन कया। जिसमेंउ मय्यद खलीफा, अब्बासी ख़िलाफ़त और उस्मानी साम्राज्य शामिल हैं।इसके बाद 19वीं और 20वीं में मक्का सऊदी अरब के साम्राज्य का हिस्सा बन गया।

और आज मक्का यहाँ पर दुनियाँ भर से लाखों की संख्या में मुस्लमान यह पर हज यात्रा करने आते हैं। और लगभग यहाँ पर 2.042 मिलियन के घर बसे हुए हैं। और ये शहर आज इस्लामी शिक्षा और छात्रवृत्ति का एक बहुत बड़ा केंद्र बन चूका हैं।

मदीना

मदीना इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र और सम्माननीय तीर्थस्थल हैं। जो पश्चिमी सऊदी अरब के हेजाज़ क्षेत्र में मदीना प्रांत की राजधानी है। साल 2022 में शहर की जनसंख्या 1,545,000 दर्ज की गयी थी। ये सऊदी अरब के मक्का शहर के बाद चौथा सबसे अधिक आबादी वाला शहर हैं।

देख के पश्चिमी इलाके में मदीना प्रांत के केंद्र में स्थित हैं। ये शहर 589 किमी2 फैला हुआ हैं। जो कि 293 km2 शहर के शहरी क्षेत्र का गठन करता है, जो कि पश्चिमी सऊदी अरब में, लाल सागर से लगभग 100 मील अंतर्देशीय और सड़क मार्ग से मक्का से 275 मील हैं। मक्का शहर के बाद ये इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र और पाक शहर है।

मदीना का इतिहास

मदीना जो सऊदी अरब के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित मक्का के बाद इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र शहर है। जिसको अल-मदीना अल-मुनव्वर या बस मदीना के नाम से भी जाना – जाता हैं। मदीना का इतिहास इस्लाम और पैगंबर मुहम्मद के प्राचीन समय से जुड़ा हुआ हैं।

7वीं शताब्दी की शुरुआत में पैगंबर मुहम्मद को मदीना में आमंत्रित किया गया था। जहाँ पर उन्हें और उनके अनुयायियों को मक्का शहर में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उनके आगमन के बाद शहर का नाम मदीना के बदल कर मदीना अल-नबी (पैगंबर का शहर) रख दिया गया।

इसके बाद मदीना इस्लाम धर्म का केंद्र बन गया। पैगंबर मुहम्मद ने अपने जीवन कल में इस्लामिक राज्य के रूप में सेवा की। और उसके बाद उन्होंने मदीना में पहली मस्जिद का निर्माण कर वाया जिसको पैगंबर की मस्जिद के नाम से जाना जाता हैं।जिसकी बुनियादे आज भी खड़ी हुई हैं। और ये इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण स्थान हैं।

पैगंबर मुहम्मद की मृत्यु के बाद अबू बक्र ने पहली इस्लामी खिलाफत की थी। मदीना के आसपास के क्षेत्रों की लड़ाइयाँ भी लड़ी गईं।

इसके बाद मदीना पर कई इस्लामी राजवंशों का शासन रहा।इसके बाद वह पर कई संरचनाओं के र्निर्माण हुए जिसमें क्यूबा मस्जिद, अल-बाकी कब्रिस्तान और उहुद पर्वत शामिल हैं।

आज के समय में मदीना एक आधुनिक शहर हैं। जो मुसलमानों के सबसे पवित्र स्थल में से एक हैं। जहाँ पर लाखों की संख्या में लोग दौरा करने आते हैं। और शहर में दफन किए गए पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों को अपना सम्मान देते हैं।

मदीना आज से समय में इस्लामी शिक्षा और छात्रवृत्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चूका हैं। जहाँ पर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और संस्थान स्थित हैं।

काबा क्या हैं।

इस्लाम धर्म में काबा का बहुमूल्य अहमियत हैं। ये आपको इस बात से पता चल जायेगा कि दुनियाँ भर के सारे मुस्लमान नमाज पढ़ते समय काबा की और ही महुँ करके नमाज अदा करते हैं।

प्राचीन समय से ही मक्का धर्म और व्यापार का केंद्र रहा हैं। यह एक विशाल मस्जित हैं। जिसके केंद्र में अयता कर काबा स्थित हैं। जिसकी लंबाई 40 फुट और चौड़ाई 33 फुट हैं। जिसमें केवल एक दरवाजा हैं। कावा की पूर्वी दिशा में एक पवित्र काला पत्थर स्थित हैं। मुस्लिम यात्री यहाँ पर आकर कावा के 7 चक्कर लगाते हैं। और इसके बाद पवित्र काला पत्थर को चुमते हैं।

मुस्लिम मान्यता के अनुसार काबा में लगा हुआ काला पत्थर जिसको लोग चूमते हैं वो पहले सफ़ेद था। लेकिन दुनियाँ में बढ़ते पाप और दुष्विचार के साथ इसका रंग कला होता चला गया।

मक्का के जमजम पानी का रहस्य (The secret of Mecca’s Zamzam water)

जमजम के कुँए पानी इस्लाम धर्म के लोगों के लिए ये पानी किसी अमृत से काम नहीं हैं। इस्लामी मान्यता के अनुसार इसके पीछे एक दिलचस्ब कहानी हैं। ऐसा बोला जाता हैं कि पैगम्बर इब्राहिम अपनी पत्नी हाजरा और अपनी पुत्र हजरत इस्माईल अल्ल्ह के दिए हुआ आदेश के चलते अपने बाटे को मक्का के रेगिस्तान में छोड़ देते हैं। इसके बाद हजरत इस्माईल को जब रेगिस्तान में प्यास लगी तो रेगिस्तान दूर दूर तक सुखा और बंजर पड़ा हुआ था। और जब इस्माईल प्यास के तड़पने लगे तो एक चमत्कार होता हैं। और जमीन से पानी निकलने लगता हैं। और यही वह जगह हैं जहाँ पर बाद में कुँए को बना दिया गया। जिसके आज सारी दुनियाँ में जमजम के कुँए के नाम से जाना जाता हैं।

और इसी पानी को हजयात्री पीते हैं और इसे दुनियाँ का सबसे पवित्र पानी भी मानते हैं मुस्लिम का ये मानना हैं की ये पानी सभी कस्टो को दूर कर देता हैं। वहाँ से लोग पानी भर कर अपने साथ भी ले आते हैं।

अगर किसी आम कुँए की बात की जाये तो अगर उससे भारी मात्रा में रोजाना पानी निकला जाये तो उसके पानी का स्तर कम हो जाता हैं और एक समय के बाद कुँआ सुख जाता हैं लेकिन जमजम के कुँए से रोजाना हजारों की संख्या में पानी निकला जाता हैं। लेकिन आज भी इसके अपनी का स्तर कम नहीं हुआ हैं।

जब जापान के वैज्ञानिक masaru emoto ने जब इस अपनी की जांच की तो उन्होंने जमजम के पानी में कुछ ऐसा पाया जो आपको हैरान कर देगा। emoto में जब इस पानी की जांच की तो उन्होंने बोला की इस पानी के कणो को माइक्रोस्कोप से नहीं देखा जा सकता हैं। उन्होंने बोला की जमजम का पानी इतना ज्यादा शक्ति साली हैं। कि इसके कणो को देखने के लिए जमजम पानी की एक बूँद को सदाहरण पानी की हजार बूंदों के साथ मिलना पड़ेगा। तब जाकर आप इसके कणो को माइक्रोस्कोप से देख सकते हैं।

masaru emoto का ये बोलना हैं की ये पानी किसी चमत्कारी पानी से काम नहीं हैं। जमजम के पानी को अगर आप हजारों सालो तक एक बोतल में भरकर रख भी दे तो ये कभी खराब नहीं होगा और न ही इसमें किसी भी प्रकार के कीड़े पड़ेगे।

मक्का मदीना से जुड़े तथ्य (Makka Madina Historical Facts)

  • इस्लामी परम्परा के अनुसार मक्का की स्थापना नबी इस्माईल के वंश ने की थी।
  • मक्का दुनिया के सबसे पुराने देशों में से एक है। बोला जाता हैं की ज़मज़म कुआँ भी लगभग 4,000 साल पुराना है।
  • मक्का हराम की सीमा ने नहीं आता हैं। शहर के कई ऐसे मोहल्ले हैं जैसे कि शराया जो हराम की सीमा से बहार हैं।
  • मक्का को मक्का अल मुकर्रमह भी कहा जाता हैं। जो कि एक रूप से “मक्का सम्मानित” का अनुवाद करता है।
  • मदीना को पैगंबर के शहर के रूप में जाना जाता हैं। पैगंबर ने अपना अधिकांश जीवन के लगभग 50 वर्ष मक्का में बिताए थे।
  • दुनिया का पहला ऐसा शहर हैं जहाँ के बाजार 24बी सो घंटे खुले रहते हैं।
  • मक्का आने की अनुमति केवल इस्लाम धर्म को मानने वालों को होती हैं। लेकिन मदीना में हिंन्दू भी जा सकते हैं।
  • मक्का में स्थित मस्जित अल हरम दुनिया की सबसे महानदी मस्जित हैं। जिसको बनाने में लगभग 100 अरब डॉलर का खर्च हुआ हैं।
  • मक्का में सऊदी अरब में मध्य पूर्व से सबसे ज्यादा लोग हज यात्रा करने आते हैं।
  • काला पत्थर हमेशा मक्का में था। लगभग 930 ईस्वी में, क़र्मातियों द्वारा इसे चुरा लिया गया, जो इसे अपने साथ पूर्वी अरब ले गए थे।
  • आपको ये बात पता हैं कि सऊदी अरब में प्रवेश करने वाली पहली कार मक्का के शासक शरीफ अवन अल-रफीक के पास थी?
  • मक्का के मध्य में स्थित रॉयल क्लॉक टॉवर जिसको अबराज अल बैत के नाम से भी जाना जाता है, विश्व की तीसरी सबसे ऊंची इमारत हैं।
  • मक्का का समुद्रीय क्षेत्र लगभग 500 वर्ग मील में फैला हुआ हैं।
  • ये मान्यता हैं कि मक्का में स्थित ज़मज़म कुएं के पानी करने से आपके स्वास्थ्य में विशेष लाभ होता हैं।
  • हर साल लगभग आठ से नब्बे लाख तीर्थयात्री हज और उमराह के लिए मक्का जाते हैं। और ये अकड़ा साल 2030 में 30 लाख तक पहुँच जायेगा।
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FAQ

Q – मक्का मदीना मस्जिद के अंदर क्या है?

Ans – मक्का मदीना मस्जिद में एक काबा स्थित हैं। जिसकी लंबाई 40 फुट और चौड़ाई 33 फुट हैं। जिसमें केवल एक दरवाजा हैं। कावा की पूर्वी दिशा में एक पवित्र काला पत्थर स्थित हैं। मुस्लिम यात्री यहाँ पर आकर कावा के 7 चक्कर लगाते हैं। और इसके बाद पवित्र काला पत्थर को चुमते हैं।

Q – मक्का से मदीना की दूरी पर स्थित हैं ?

Ans – मदीना से मदीना ज्यादा नहीं हैं। हवाई यात्रा से इसकी दूरी लगभग 339 किमी, और सड़क मार्ग से 439 किमी , और वही अगर आप रेल मार्ग से जाना कहते हैं तो रेल मार्ग की दूरी 453 किमी है।

Q – मक्का में काबा के अंदर क्या स्थित हैं?

Ans – मक्का में काबा से अंदर लालटेन जैसे 2 प्रकाशस्रोत छत से लटके हुए हैं।



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