
Late Night Snacks : अक्सर रात में भोजन के बाद या सोने से पहले कुछ खाने का मन करता है। लेकिन कैलोरी से भरपूर स्नैक्स देर रात खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

Late Night Snacks : मौजूदा जीवन-शैलों में देर से सोना सामान्य हो गया है। देर तक जागते हैं तो देर रात खाते भी हैं। कई बार डिनर के बाद भी कुछ खाते हैं। इनमें कुछ स्नैक्स, जैसे चिप्स, कुकीज आदि खा लेते हैं। इससे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जो शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। देर रात में खाने के कई कारण हो सकते हैं। मसलन, ज्यादा खाने की आदत या फिर डिनर में पेट तो भरना, लेकिन मन का अतृप्त रहना आदि। हाल के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि भोजन का समय हमारे मेटाबॉलिज्म, भूख की भावना और कार्बोहाइड्रेट टिश्यूज में होने वाली जैव रासायनिक प्रक्रियाओं को बहुत प्रभावित करता है। अधिक खाने से बचने के लिए सूक्ष्म आहार चुनें, टीव्ले के सामने खाने से बचे और खाते समय भोजन पर ध्यान दें। अगर आप भी देर रात में स्नैक्स खाने की शौकीन हैं तो आपको इसके प्रभाव जानना बेहद जरूरी है।
वजन में बढ़ोतरी :

रात के समय आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय धीमा हो जाता है। खाए हुए भोजन की कैलोरी बर्न करना अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में सोने से पहले खाने से वजन बढ़ने की आशंका भी बड़ जाती है। इसलिए अधिक कैलोरी वाला भोजन देर रात लेने से बचें।
खराब पाचन :

देर रात का भोजन कई गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं पैदा कर सकता है। इससे एसिडिटी और कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। चिकित्सक कहते हैं कि कब्ज और एसिडिटी आगे चलकर तमाम गंभीर रोगों का कारण बनती हैं। इसलिए देर रात की स्नैकिंग से बचें।
दिल की सेहत पर असर :

हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शाम 6 बजे के बाद उच्च कैलोरी वाला भोजन हाई ब्लडप्रेशर और रक्त शर्करा को खतरे के स्तर तक बढ़ा सकता है। यह टाइप 2 डायबिटीज बना सकता है। ऐसे ही देर रात में नाश्ता करने से भी सीने में जलन हो सकती है।
स्मृति कम हो :
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के एक अध्ययन में पाया गया है कि रात में देर से खाने से मेमोरी फॉर्मेशन में शामिल मॉलिक्यूल्स यानी अणु खराब हो सकते हैं। इससे आपकी स्मरण शक्ति क्षीण हो सकती है । इस अध्ययन में दो सप्ताह तक चूहों को खिलाने के बाद उनकी संज्ञानात्मक क्षमताओं का परीक्षण करके अध्ययन किया गया। जिन चूहों को सोते समय खाना खिलाया गया, उनकी याद्दाश्त कमजोर हो गई थी।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:

जब आप कब्ज या पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित होती हैं तो ठीक से सो नहीं पातीं। अनिद्रा की शिकायत हो जाती है। इससे स्वभाव में चिड़चिड़ापन और झल्लाहट आती है। दरअसल, देर रात में खाने से बॉडी क्लॉक गड़बड़ा सकती है। इससे अवसाद और चिंता की आशंका अधिक होती है। अनिद्रा से पीड़ित लोगों में अवसाद विकसित होने का जोखिम दस गुना अधिक हो सकता है।
पानी की कमी भी है वजह : ( Lack of water is also the reason )
यदि आप रात के खाने के बाद भी भूखी है तो पहले स्वयं से पूछे कि क्या वाकई आप भूखी है। अगर आपने शाम का भरपूर भोजन किया है तो वास्तव में किसी अतिरिक्त भोजन की जरूरत नहीं होगी। कई बार पानी की कमी से भी भूख महसूस होती है। रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से बचने के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन न करें यह अतिरिक्त रक्त शर्करा को फैट यानी वसा के रूप में एकत्र करने की संभावना को भी कम करेगा। आहार में फाइबर युक्त स्नैक्स और तिलहन जैसे कि अलसी, तिलक या सूरजमुखी के बीज शामिल करे। साथ ही प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त भी रखें। यह पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद करेगा। इससे पाचन भी सुधारेगा और नींद में सुधार भी होगा।
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