जसवंत सिंह गिल का जीवन परिचय | Jaswant Singh Gill Biography in Hindi

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जसवंत सिंह गिल एक भारतीय इंजीनियर-इन-चीफ थे। वह 1989 में रानीगंज में तैनात थे। तभी रानीगंज, पश्चिम बंगाल में एक कोयले की खदान में बाढ़ आने की दुर्घटना हुई।

इस दुर्घटना में उन्होंने कोयला खदान में फसे 65 खनिकों को बचने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी। उन्होंने खान में फंसे हुए खनिकों को बचाने के लिए एक विशेष बचाव कैप्सूल तैयार किया था। इसको भारत और दुनिया का पहला सफल ऑपरेशन माना जाता है।

इसके लिए उन्हें 1991 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमन द्वारा सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया था।

जसवंत सिंह गिल

जसवंत सिंह गिल का जीवन परिचय

पूरा नाम (Name)सरदार जसवंत सिंह गिल
नाम ( Nick Name )कैप्सूल गिल
प्रसिद्दि (Famous for )1989 में रानीगंज, पश्चिम बंगाल इलाके में बाढ़ वाली खदान से 65 लोगों की जान बचाई थी।
जन्म (Date of birth)22 नवम्बर 1939 दिन (बुधवार)
मृत्यु की तारीख ( Date of Death )26 नवंबर 2019
मृत्यु की जगह (Place of Death)उनके घर अमृतसर, पंजाब, भारत में
मृत्यु का कारण (Death Cause)दिल की धड़कन रुकने से
आयु ( Age )80 साल
जन्म स्थान (Birth Place)सथियाला, अमृतसर, पंजाब
स्कूल (School ) उन्होंने कक्षा 1 से 4 तक एक उर्दू स्कूल में शिक्षा ली
खालसा कॉलेज पब्लिक स्कूल, खालसा कॉलेज स्कूल, अमृतसर, पंजाब, भारत
कॉलेज ( college )• खालसा कॉलेज, अमृतसर, पंजाब, भारत
• पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खान विद्यालय), धनबाद, झारखंड
शिक्षा (Education )• खालसा कॉलेज, अमृतसर, पंजाब, भारत से बीएससी नॉन-मेडिकल (1959)
• भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद, झारखंड से खनन इंजीनियरिंग में स्नातक (1961-1965)
• खालसा कॉलेज से एलएलबी (2018; 2019 ) में मृत्यु हो गई, जबकि वह अपनी डिग्री के दूसरे वर्ष में थे)
गृहनगर (Hometown)सथियाला, अमृतसर, पंजाब
धर्म (Religion)सिख
नागरिकता (Nationality)भारतीय
राशि (Zodiac Sign)धनु
पेशा (Occupation)इंजीनियर-इन-चीफ
वैवाहिक स्थिति (Marital Status)विवाहित

जसवंत सिंह गिल का जन्म एवं शुरूआती जीवन ( Birth And Early Life )

सरदार जसवंत सिंह गिल 22 नवंबर 1939 को सथियाला, अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उनके पिता का नाम दासवंधा सिंह गिल था। जोकि अमृतसर डाक विभाग में एक वरिष्ठ क्लर्क थे। उनकी माँ का नाम सरदारनी प्रीतम कौर गिल था। जसवंत सिंह शादीशुदा थे। जसवंत सिंह की पत्नी का नाम निर्दोष कौर है। उनके दो बेटा और दो बेटी है। उनके एक बेटे का नाम डॉ. सरप्रीत सिंह गिल है जो जॉन्स हॉपकिन्स यूएसए में पीजीसी कार्डियोलॉजी में डॉक्टर हैं। उनकी एक बेटी का नाम पूनम गिल है।

जसवंत सिंह गिल के भाई बहन

उनके दो भाई जिनका नाम कुलवंत सिंह गिल जो (सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक) और डॉ. हरवंत सिंह गिल एक (डी. ऑर्थो, पीसीएमएस कॉलेज से एसएमओ के रूप में सेवानिवृत्त) थे। उनकी दो बहनें थीं।उनकी बहन नरिंदर कौर पेशे से एक शिक्षिका थीं, जो एक सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका के रूप में सेवानिवृत्त हुईं।उनकी दूसरी बहन डॉ रमिंदर कौर राजिंदरा मेडिकल कॉलेज, पटियाला में एक पैथोलॉजिस्ट और पूर्व एचओडी थीं। जसवंत सिंह अपने माता-पिता की चौथी संतान थे।

जसवंत सिंह गिल की शिक्षा (Jaswant Singh Gill Education )

उन्होंने अपनी प्राम्भिक शिक्षा अमृतसर, पंजाब के एक उर्दू स्कूल की की इसके बाद उन्होंने खालसा कॉलेज स्कूल, अमृतसर, पंजाब से अपनी 12 वी की शिक्षा हासिल की। उन्होंने खालसा कॉलेज, अमृतसर, पंजाब, भारत से B.Sc. नॉन-मेडिकल (1959) किया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में भाग लिया।

और 1961 से 1965 तक उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस), धनबाद, झारखंड से खनन इंजीनियरिंग में स्नातक किया। 2018 में उन्होंने एलएलबी करने के लिए खालसा कॉलेज, अमृतसर में दाखिला लिया। जबकि वह अपनी डिग्री के दूसरे वर्ष में थे। तभी 2019 में उनका निधन हो गया।

जसवंत सिंह गिल का परिवार ( Jaswant Singh Gill Family)

जसवंत सिंह गिल
पिता का नाम (Father Name)दासवंधा सिंह गिल
माँ का नाम (Mother Name)सरदारनी प्रीतम कौर
पत्नी का नाम ( Wife Name )निर्दोष कौर
बेटे का नाम ( son Name )डॉ. सरप्रीत सिंह
बेटी का नाम ( daughter’s name )पूनम गिल
भाइयों के नाम ( brothers names )कुलवंत सिंह गिल,डॉ. हरवंत सिंह गिल
बहनों के नाम ( sisters names )नरिंदर कौर , डॉ रमिंदर कौर

जसवंत सिंह गिल का करियर ( Jaswant Singh Gill Career )

अपनी खनन इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कोयला फर्म चांद थापर एंड ब्रोस ,कोल सेल्स लिमिटेड से नौकरी का एक प्रस्ताव मिला।उन्होंने उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और लेकिन उन्होंने वहा पर कुछ समय ही काम किया और वह से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 1972 में कोल इंडिया लिमिटेड में बतौर इंजीनियर काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्हें सब-डिवीजनल इंजीनियर के पोस्ट पर पदोन्नत किया गया। और कोल इंडिया लिमिटेड में कार्यकारी अभियंता थे। बाद में उन्हें कोल इंडिया लिमिटेड, रानीगंज, पश्चिम बंगाल में ईडी (सुरक्षा और बचाव) के मुख्य महाप्रबंधक के रूप में पदोन्नत किया गया।

जसवंत सिंह गिल द्वारा कोयला खदान बचाव अभियान 1989

13 नवंबर 1989 को जसवंत कोल इंडिया लिमिटेड, रानीगंज, पश्चिम बंगाल में एक मुख्य महाप्रबंधक ईडी (सुरक्षा और बचाव) के रूप में काम कर रहे थे। उस दिन पश्चिम बंगाल के रानीगंज में एक कोयला खदान में 220 खनिक काम कर रहे थे। कोयले की खदान को तोड़ने के लिया वो कई विस्फोट कर रहे थे। तभी किसी ने गलती से खदान के ऊपरी सीम को छू लिया। जिससे खदान में पानी भर गया। और हड़कंप मच गया जिसमे 220 मे से अधिकतर लोग तो तुरंत बहार आगे लेकिन 71 लोग बोरवेल में फास गए। खदान में अपनी का स्तर ज्यादा होने के कारण 6 कोयला खनिक उनमे डूब गए। और 65 बोरवेल में फंसे रह गए।

16 नवंबर 1989 को 2:30 बजे जसवंत कैप्सूल में घुसे और फंसे खनिकों को बचाने के लिए बोरवेल में उतर गए। एक इंटरव्यू में जसवंत के बेटे ने पूरी बात शेयर की उन्होंने बोला की

मेरे पिता एक निश्चित मौत के जाल में जाने के लिए कैप्सूल में दाखिल हुए। और वह पर उस समय 1 लाख लोग थे। जो मेरे पिता का आत्मबल बढ़ाने ले लिए नारे बजी क्र रहे थे। जैसे ही कैप्सूल ने बोरबेल में जाना शुरू किया। वैसे ही नई स्टील रस्सी में टोक़ ने राहत देना शुरू कर दिया और कैप्सूल को दक्षिणावर्त गति में और फिर वामावर्त गति में उच्च गति से चक्करदार किया। यह एक नर्वस-ब्रेकिंग प्रयास था, फिर भी मेरे पिता ने दृढ़ संकल्प और एकाग्रता के साथ अपने डर पर विजय प्राप्त की। लगभग 15 मिनट में वह गड्ढे के नीचे पहुंच गया क्योंकि कैप्सूल को नीचे करने के लिए मैनुअल विंच का इस्तेमाल किया जा रहा था।

जसवंत सिंह गिल

जैसे ही जसवंत सिंह ने कैप्सूल का अगला हैच खोला, उन्होंने अपने सामने 65 डरे हुए चेहरों को देखा, जिनके चेहरों पर मृत्यु का भय मंडरा रहा था। उन्होंने निकटतम कार्यकर्ता को पकड़ लिया उसे कैप्सूल में डाल दिया और एक हथौड़े से संकेत दिया कि कैप्सूल को ऊपर खीचा जाए। वह फिर शेष खनिकों की ओर मुड़ा और पूछा कि क्या उनमें से कोई घायल या बीमार है। पहले 9 टोकन उन लोगों को दिए गए जिन्हें चोट लगी थी और जिन्हें बुखार था। फिर उन्होंने श्रमिकों के पदानुक्रम के बारे में पूछा और सबसे कनिष्ठ से वरिष्ठतम श्रमिकों को टोकन दिया और उन्हें बताया कि वह सभी को एक-एक करके बाहर भेजने के बाद खदान को खाली कर देंगे।

सभी खनिकों को खदान से बहार निकालने के बाद सबसे आखिर में जसवंत सिंह बोरवेल से बाहर निकले। पूरी प्रक्रिया में लगभग 6 घंटेलग गए। बाद में, उन्होंने मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स में कोयला खदान में फंसे 14 खनिकों के बचाव अभियान में सहायता की। जसवंत सिंह 1998 में कोल इंडिया लिमिटेड में अपनी सेवाओं से सेवानिवृत्त हुए। 2008 में उन्हें आपदा प्रबंधन समिति, अमृतसर, पंजाब, भारत द्वारा इसके एक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया।26 अप्रैल 2018 को उन्होंने रोटरी इंटरनेशनल के अध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू किया।

जसवंत सिंह गिल की मृत्यु ( Jaswant Singh Gill death)

जसवंत सिंह गिल का 26 नवंबर 2019 को उनके घर अमृतसर, पंजाब, भारत में दिल की धड़कन रुकने से निधन हो गया।

फिल्म (Movie ) : कैप्सूल गिल ( Capsule Gill )

जसवंत सिंह गिल
फिल्म : कैप्सूल गिल

जसवंत सिंह गिल के जीवन पर आधारित फिल्म जिसका नाम कैप्सूल गिल है। इसमें फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार , जसवंत सिंह गिल की भूमिका निभाते नजर आने वाले है।

फिल्म कैप्सूल गिल एक भारतीय इंजीनियर जसवंत सिंह गिल जीवन पर आधारित एक भारतीय हिंदी भाषा फिल्म है।


कैप्सूल गिल फिल्म अप्रैल 2023 को दुनिया भर के सभी सिनेमाघरों दस्तक देगी। ये फिल्म वाशु भगनानी द्वारा निर्मित और टीनू सुरेश देसाई द्वारा निर्देशित है।

जसवंत सिंह गिल को मिलने वाले अवार्ड की लिस्ट ( Jaswant Singh Gil AWARDS LIST )

सालदिये जाने वाले अवार्ड
1991तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमन द्वारा सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक
2005सबसे बड़े बचाव अभियान के लिए राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड
29 नवंबर 2009इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स एलुमनाई एसोसिएशन (ISMAA), दिल्ली
2013स्वामी विवेकानंद उत्कृष्टता पुरस्कार
1 नवंबर 2013लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और केंद्रीय मंत्री श्री प्रकश जैस्वाल द्वारा 1 लाख रुपये
24 दिसंबर 2014हरमन एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, अमृतसर की ओर से उत्कृष्ट सेवाओं के लिए मानवता पुरस्कार
7 जून 2018सबसे बड़े कोयला खदान बचाव अभियान के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, लंदन, यूके
2018रियल फ्लेवर्स मीडिया ग्रुप द्वारा इंडियन आइकोनिक अवार्ड
2019प्राइड ऑफ द नेशन अवार्ड, दिल्ली
12 मई 2019यूनिवर्सल अचीवर्स यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु द्वारा मानद डॉक्टरेट (पीएचडी)।

Jaswant Singh Gill Status

लम्बाई ( Height )सेंटीमीटर में-178 सेंटीमीटर
मीटर में-1.78 मीटर
फीट इंच- 5′10”
वजन ( weight )किलोग्राम में- 60 किलो
आँखो का रंग ( eye color )भूरा
बालों का रंग ( Hair color )गहरा भूरा

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